आपके होठों पर लैड


 एक अमेरिकी कंज्यूमर राइट्स ग्रुप ने पाया है कि 33 बड़े ब्रांडों वाली लिपस्टिक्स में से आधी से ज्यादा में लैड की मात्रा ज्यादा है। कवर गर्ल, ल ऑरियल, क्रिश्चियन डियोर की लिपस्टिक्स इनमें शामिल हैं।

उपभोक्ता अधिकारों के लिए काम कर रही संस्था कैंपेन फॉर सेफ कॉस्मेटिक्स ने बोस्टन समेत अमेरिका के 4 शहरों में खरीदे गए लिपस्टिक्स ब्रांड्स की टैस्टिंग की है। संगठन का कहना है कि हालांकि यह ज्यादा लैड की मात्रा किसी स्वस्थ महिला के लिए घातक नहीं है पर गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए लिपस्टिक में लैड की मात्रा सचमुच ज्यादा है।

नेम वाली लाल लिपस्टिक्स को सैंटा फे स्प्रिंग कैलीफोर्निया में बॉडीकोट टैस्टिंग ग्रुप ने टैस्ट किया और पाया कि उनमें से 61 फीसदी में लैड की मात्रा 0.03 से 0.65 पार्ट्स पर मिलियन तक है। संगठन का कहना है कि लैड की मात्रा का उस लिपस्टिक की कीमत से कोई संबंध नहीं है।

लिपस्टिक्स टॉफी की तरह शरीर में प्रवेश कर जाती हैं। कैंपेन फॉर सेफ कॉस्मेटिक्स जनस्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, पर्यावरणवादियों और महिला संगठनों का ग्रुप है, जिसका कहना है कि फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने अभी तक लिपस्टिक्स में लैड की कोई सीमा ही तय नहीं की है। जिन लिपस्टिक्स की टैस्टिंग की गई उनमें से एक तिहाई में एफडीए के कैंडी के लिए बनाए गए मानक 0.1 पीपीएम से ज्यादा लैड मिला है। इस सीमा को बच्चों के लैड से बचाव रखने के लिए तय किया गया है। टैस्ट की गई 39 फीसदी लिपस्टिक्स में लैड की इतनी मात्रा नहीं थी कि उसका पता लगाया जा सके।

संगठन की सहसंस्थापक स्टेसी मालकन का कहना है कि उत्पादकों से उनके प्रोडक्ट को फिर से फॉरमुलेट कराना तो मुश्किल है पर ऐसी लिपस्टिक्स बनाना संभव है जो लैड से मुक्त हों और सभी कंपनियों को ऐसा करना चाहिए।

लैड की वजह से सीखने, भाषा और व्यवहार में दिक्कतें आ सकती हैं। आक्रोश बढ़ सकता है और स्कूल में बच्चों की कार्यकुशलता कम हो सकती है। खासकर गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों के लिए लैड का एक्सपोजर खतरनाक है। ग्रुप की ओर से कहा गया है कि लैड की वजह से अनुत्पादकता बढ़ती है और गर्भपात तक हो सकते हैं। कवर गर्ल ब्रांड प्रॉक्टर एंड गैंबल का है और ल ऑरियल फ्रांस का है।

पिछले तीन महीनों में चीन में बने करीब 2 करोड़ खिलौनों को लैड पेंट की वजह से ही मार्केट से वापस लिया जा चुका है।

संगठन का कहना है कि रैवलॉन जैसे कुछ कम महंगे ब्रांड्स में हालांकि लैड का पता नहीं लगा है जबकि कुछ ज्यादा महंगे डियोर एडिक्ट ब्रांड में लैड ज्यादा मिला है। एफडीए ने लिपस्टिक्स में लैड के स्तर में कुछ मानक तय किए हैं और कोशिश की है कि इनका पालन हो।

ल ऑरियल की अमेरिकी शाखा का कहना है कि उनके प्रोडक्ट्स का जिस टीम ने पूरी तरह निरीक्षण किया है उसमें टॉक्सिकोलॉजिस्ट्स, फार्मासिस्ट्स और डॉक्टर्स शामिल थे। ल ऑरियल यूएसए की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि ग्रुप के सभी ब्रांड्स पूरी तरह एफडीए के मानकों का पालन कर रहे हैं और पूरी तरह सुरक्षित हैं। जबकि प्रॉक्टर एंड गैंबल का कहना है कि जिस मात्रा की बात की जा रही है, उससे ज्यादा लैड तो किसी महिला को पानी पीने, सांस लेने और खाने में मिल रही है।

कनेक्टीकट कोअलीशन फॉर एन्वायर्नमेंटल जस्टिस के अध्यक्ष मार्क मिशेल का कहना है कि शरीर में लैड एक लंबे समय के दौरान बनता है और चूंकि लिपस्टिक दिन में कई बार और रोज इस्तेमाल की जाती है, इसलिए इससे कई बार नुकसान हो सकता है। उनके मुताबिक ताजा अध्ययन बताते हैं कि लैड एक्सपोजर से बचने के लिए फिलहाल कोई सुरक्षित स्तर नहीं है।


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