फिर बदली योजना..
सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की कमी को पूरा करने के लिए सरकार की विद्यार्थी मित्र योजना नियमों के चलते धराशायी हो गई और रिक्त पदों की तुलना में आवेदन नहीं आने से योजना को फिर बदलना पड़ा।
जानकारी के अनुसार सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की कमी व छात्रों के आंदोलन को देखते हुए सरकार ने गत एक सितंबर से विद्यार्थी मित्र योजना के तहत संविदा पर आशार्थियों के आवेदन मांगे। आवेदन में व्याख्याता पद के लिए योग्यता मापदंड स्नातकोत्तर व बीएड तथा वरिष्ठ अध्यापक के लिए स्नातक व बीएड जरूरी रखा। फलस्वरूप व्याख्याता व वरिष्ठ अध्यापकों के 553 रिक्त पदों की तुलना में 23 सितंबर तक मात्र 88 पदों को संविदा के आधार पर भरा जा सका, अन्य पद अभी भी खाली पड़े हैं।
समाचार पत्रों में विज्ञप्ति जारी करवाने के बावजूद रिक्त पदों की तुलना में आशार्थियों के कम आवेदन आने से सरकार व शिक्षा विभाग ने आनन-फानन में विद्यार्थी मित्र योजना के तहत नियमों में संशोधन कर नए आदेश जारी कर दिए, जिसके तहत अब संविदा पर लगने वाले आशार्थियों के लिए प्रशिक्षित होना जरूरी नहीं है। अर्थात अब व्याख्याता के लिए केवल स्नातकोत्तर व वरिष्ठ अध्यापक के स्नातक स्तर की योग्यता वाले आवेदन कर सकेंगे।
विद्यार्थी मित्र योजना के तहत संविदा पर अंशकालीन समय के लिए लगाए जाने वाले शिक्षकों के लिए अब प्रशिक्षण की योग्यता समाप्त कर दी गई है। अब स्नातकोत्तर व स्नातक आवेदन कर सकेंगे। प्रशिक्षण की शर्त हटाने से खाली पदों की कमी को कुछ समय के लिए पूरा किया जा सकेगा।
-भीमसिंह मीणा डीईओ (मा.), चूरू
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